वि वा शिरवाडकर कविता - (6) और इसे घर में कोई ऐसी जगह पर रख दे जहाँ किसी को ना पता चले ||. वि वा शिरवाडकर कविता : प्रेम कर भिल्लासारखं कुसुमाग्रज, मराठी कविता, prem kar bhillasarkh, kusumagraj, marathi kavita माझा.